*जू नही रेंगी सुवासरा तहसीलदार ओर गुराडियाविजय के ढ़ीले पटवारी की*।
*कलेक्टर मन्दसौर* श्री मनोज पुष्प ओर कमिश्नर को तहसीलदार ओर पटवारी की कार्यप्रणाली की हुई शिकायत । सुवासरा तहसीलदार का कहना दिखवाता हूँ ....। दिखवाने दिखवाने में गुराड़ियाविजय हनुमान मंदिर के पास दबंगो ने कर दिया पक्का निर्माण हाइट हो गई 5 फ़ीट अभी भी दिखवा नही पाए क्या कारण? क्या मामला सेट है ? पटवारी का कहना है कई बार मना कर दिया साहब सरकारी जमीन है पर आदमी मान ही नही रहा और लेंटर में ईंट की 5 फ़ीट हाइट की दिवाले बन गयी । क्या पटवारी कुछ नही कर पाये या मामला है सेट ?
मामला है मन्दसौर जिले के सुवासरा तहसील के ग्राम गुराडियाविजय स्थित भूमी खसरा नंबर 153 ओर 154 पर लेंटर डाल कर पक्का निर्माण किया जा रहा है । जिसके लिए आवेदन तहसील से लेकर कई जगह दिए गए । इस मामले में जब हमने बीते एक दिन पहले तहसीलदार से मोबाइल पर जैसे ही जानकारी ली तो पता चला उक्त भूमी पर काम कर रहे मिस्त्री ओर मजदूरों की संख्या 10 मिनट बाद दो गुनी हो गयी । मामले में लगता है उच्चस्तरी जाँच की आवश्यकता के चलते मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया , साथही पटवारी गुराडियाविजय ओर तहसीलदार सुवासरा की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे है । जब शासन से वेतन प्राप्त शासन के नुमाइंदे ही शासकीय भूमी को नही बचा पा रहे है तो ऐसे शासकीय सेवक ओर उनकी सेवाएं किस काम की ? आवेदकों के आवेदन पर अगर कार्यवाही नही होती है तो सिर्फ कुर्सी तोड़ने से अच्छा है अपने स्वाभिमान को जिंदा रखते हुए खुद ही त्यागपत्र दे देना चाहिए ?
मामले में अगर कार्यवाही नही हुई तो प्रार्थीगण माननीय न्यायालाय में दबंगो के साथ पटवारी ओर तहसीदार को भी आरोपी बनाने का विचार बना रहे है । मध्यप्रदेश राजस्व विभाग से भी मामला तलब कर उक्त दोषियों को दंडित करने का आग्रह किया गया है ।
अब देखना ये है की दबंगो का काम ऐसे ही चलता रहेगा या दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही हो पाएगी ?