परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंचा ,,,,,, लाक डाउन से अब हुई आर्थिक हालत कमजोर
दिल्ली निप्र के छतरपुर इलाके में साड़ी की एक फैक्टरी में काम करता था। लॉकडाउन के कारण फैक्टरी बंद हो गई। इससे उसकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई। पहले सप्ताह तक तो खाना मिलता रहा, लेकिन बाद में दिक्कत आ गई। वह और उसका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए।
मोहम्मद शफीक आलम ने सशस्त्र सीमा बल के पटना फ्रंटियर के आईजी से संपर्क किया। उसने अपने किसी जानकार से मदद के लिए पूछा था तो उन्होंने आईजी का नंबर दे दिया। आईजी ने तुरंत बल की 29 वीं वाहिनी, गया के कमांडेंट राजेश कुमार को आदेश दिया कि वह मोहम्मद शफीक आलम की यथा संभव मदद करे। उसके घर पर राशन पहुंचाया जाए। उक्त अधिकारी ने अपने समकक्ष दिल्ली में तैनात कमांडेंट सुमन सौरभ से बात की। सौरभ, दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था की ड्यूटी में अपनी कंपनी के साथ तैनात हैं। यह बात शनिवार रात को हुई थी। सौरभ ने दस मई की सुबह शफीक आलम से मुलाकात कर उन्हें 10 किलो चावल, दो किलो दाल, मसाले के पैकेट, सरसों का तेल, नमक, पांच किलो आलू व प्याज, दो किलो चीनी व दो किलो सोयाबीन आदि राशन उपलब्ध कराया।
मोहम्मद शफीक आलम ने जब ये राशन लिया तो उसकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने दुख के समय एसएसबी का साथ मिलने पर सशस्त्र सीमा बल का आभार प्रकट किया है। आलम का कहना था कि उन्होंने रात में ही अपनी भूखमरी की बात एसएसबी तक पहुंचाई थी। सशस्त्र सीमा बल ने बहुत ही कम समय में मदद पहुंचा दी। आलम का कहना था कि लॉकडाउन खत्म होने के उपरांत वह अपने गांव जाकर छोटा मोटा काम करेगा। यहां की स्थिति अब ठीक नहीं है।