मंडी माडल एक्ट काली पट्टी बाध कर कृषी उपज मंडी के अधीकारीयो कर्मचारीयो ने किया विरोध

मध्य प्रदेश सरकार ने किया मंडी माडल एक्ट काली पट्टी बाध कर कृषी उपज मंडी के अधीकारीयो कर्मचारीयो ने किया विरोध 


 


 


नीमच मनासा     रमेश गुजर की कलम से। कृषी उपजमंडी की. प्रदेश सरकार द्वारा कृषि उपज मंडीयो मे मॉडल एक्ट लागु कर मंडियो का निजिकरण के निर्णय के विरोध मे प्रदेश संयुक्त मोर्चा महासंघ के आव्हान पर गुरूवार को मनासा मंडी के 23 कर्मचारीयो ने विरोध जताते हुए हाथ पर काली पट्टी बांधकर सरकार के निर्णय का विरोध किया। मंडी कर्मचारी संघ तहसील अध्यक्ष लोकेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि मॉडल एक्ट लागु होने के बाद इसमे संशोधन करने का आग्रह किया गया था। जो एक्ट लागु किया जा रहा है उसमे कर्मचारीयो के हितो का बिल्कुल भी ध्यान सरकार द्वारा नही रखा गया। एक्ट मे संशोधन करने की मांग को लेकर संयुक्त मोर्चा महासंघ के प्रदेश आव्हान पर काली पट्टी बांधकर सरकार के निर्णय का विरोध किया गया मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने माडल एक्ट लागु कर राज्य सुचना पत्र जारी कीया जिसमे कोइ भी धनवान व्यक्ती मंडी ले सकता है खोल सकता है! जिसमे अधिकारी कर्मचारी तुलावटी हम्मालो के साथ किसान हित का भी बुरा होने वाला है! जिस तरीके से राज्य सरकार एक एक कर के सभी सहकारी विभाग को प्रायवेट करती जा रही है! छोटी से छोटी मंडी एक दिन का करीब करीब एक करोड से भी अधिक टर्नऔवर होता है! जिसमे सरकार को केवल दो प्रतिशत टेक्स के लाखो रुपय की आवक होती है! जो मंडी टेक्स से प्रधानमंत्री सडक मुख्यमंत्री सडक के साथ कई अन्य योजनाओं मे मंडी टेक्स की आई इनकम से कइ मदो मे तब्दील कीया जाता है! एेसे मे किसान चाहे सहकारी कृषीउपज मंडी मे अपना माल ले जाये या जिससे प्राइवेट कंपनीया व्यापारियों किसानो के लिऐ जो कोई भी जिसके पास अधिक जमिन होगी वह व्यक्ति मंडी खोल सकता है! जिसमे किसान हित मे सर्व सुविधा व्यापारीयो की सुविधा का ध्यान रखेगा वहा किसान अपना माल लेजावेगा!वह माडल एक्ट के तहत मंजी खोल सकेगा कमलनाथ सरकार भंग करके बीजेपी की सरकार बनते ही पुरे देश मे लांकडाउन किया गया जब कि सरकार द्वारा और सरकार ने कई योजना मे किसान के हितो को देखते हुऐ कई फेसले दिये किसान मजदुर बिजलिबिलो से परेसान है! प्रदेश सरकार ने राज्य सुचना पत्र जारी कर माडल एक्ट को लागु किया जो आज मंडी दो माह मे खुलने के बाद मंडी के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा हाथो मे काली पट्टी बांध कर विरोध करते काम कीया और ग्यापन भी दिया! 


 


 


इनका कहना आम आदमी पार्टी के नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा की कही ना कही सरकार की मंसा पर शवालिया निसान है कि उगर आपके पास जब सहकारी कृषी उपज मंडी है! तो माडल एक्ट लाने की जरुरत ही क्या है! हाँ सरकार की पहल अच्छी है! परंतु इसे प्रायवेटीसन करने की कहा जरुरत थी! यही अपने मंडी प्रशासन को शक्ती से सुधार कर किसान हितो को लागु कर सकती थी कही ना कही सरकार अपना सिस्टम सुधारने मे नाकाम होकर फैल हो चुकी जिससे ऐसे फेसले ले रही है! जिसका आमआदमी पार्टी विरोध करती है! और सरकार से मांग करती है! की सरकारी ढाचे को सुधारा जावे!और किसान हित किया जावे 


 


 विधायक अनवरुद्ध मारु का कहना है की सरकार ने जो फेसला लिया वह किसान हित मे है! और जो किसान व्यापारी को अधिक सुविधा देगा वह अपनी प्रायवेट मंडी खोल सकता है! वही कृषी उपज मंडी के सभी अधिकायो कर्मचारियों यथा वत जारी रहकर पहेले जैसे ही काम करते रहेगे! और किसानो व्यापारीयो को जो सुविधा अच्छी देगा वह वहा जाने के लिए स्वतंत्रता होगा और स्वेच्छा अनुसार उपज ले जावेगा! 


 


काग्रेस के उम्मीदवार उमराव सीह का कहना है! शिवराज सकार चारो खाने चित हो चुकी और पुरी तरह से विफल हो चुकी है! जिसका प्रमाण कोराना महामारी मे प्रवासी मजुदर को लाने कि बात हो या महंगी बिजली बील मे हो या माडल एक्ट हो! कही ना कही किसानो मजदुरो व्यापारीयो को सुविधा के नाम पर शोषण होगा! जिसका काग्रेस पुरो जोर विरोध करती है!


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