*कोरोना के बाद जिला प्रशासन किसान आंदोलन के लिए कर रहा है मजबूर*
*जिला प्रशासन की निष्क्रियता से किसान बंधुओं में भारी आक्रोश*
हरवार..।। पिछले 3 माह से कोरोना वायरस का डर बताकर जिला प्रशासन ने किसानों के साथ किस प्रकार से भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जिससे कि किसानों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश पैदा हुआ है कहीं यही आक्रोश आगे चलकर के पुणे एक बार नीमच जिले से किसान आंदोलन हेतु जिला प्रशासन इंतजार तो नहीं कर रहा है क्योंकि पूर्व में प्रशासन की लापरवाही से जीरन तहसील के अधिकांश किसानों को षड्यंत्र पूर्वक फसल बीमा की राशि से वंचित वंचित किया गया था जिससे किसानों में भारी आक्रोश उत्पन्न हुआ था जनप्रतिनिधि व जागरूक किसानों की मांग पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित करते हुए समस्त किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाया वर्तमान में पुनः जिला प्रशासन की लापरवाही से समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी पर भी षड्यंत्र पूर्वक साजिश के तहत जीरन तहसील के हरवार सोसाइटी के 106 किसानों के मैसेज किए ही नहीं गए और गेहूं का तोल केंद्र बंद कर दिया गया जिससे कि लगभग 35000 क्विंटल गेहूं अभी भी किसानों के तोलना शेष रह गए हैं
लगभग 3 माह से किसान गेहूं सुलाने का इंतजार कर रहा था कि जो तूल ने से किसानों को अपने घरेलू खर्च व बरसात की सीजन आने से पूर्व गेहूं के पैसे से वह अपना काम चला लेंगे परंतु जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैए से ऐसा लगता है जिला प्रशासन किसानों का कोई बड़ा नुकसान कर किसानों को सरकार के विरुद्ध सोची समझी साजिश के तहत आग में घी डालने का काम कर रहा है जिससे कि किसान प्रदेश सरकार के खिलाफ हो जाएं