यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
वहीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथ ही जिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।
यह क्या मजाक है, कोरोना संदिग्ध खुले घूम रहे: कैलाश चावला
मंदसौर। बर्निंग पॉलिटिक्स
---------------------------------मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश चावला ने मंदसौर प्रशासन की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट को लेकर बन रहे असमंजस पर चिंता जताई। एक बयान में उन्होंने कहा कि यह क्या मजाक है, मंदसौर के साथ। कल शाम 4 बजे रिपोर्ट आती है कि मंदसौर जिले के विभिन्न स्थानो के 6 लोगो कि कोरोना जांच रिपोर्ट पाजीटिव आइ है। और यह बात विभिन्न सुत्रो से सामने आई कि जिनके सेम्पल लिये गये वे खुले घुम रहे हैं, उन्हें कोरोंटाइन नही किया गया है।पु
पूरे नगर कोरोना फैलने की आशंका से ग्रस्त हो जाता है।जिम्मेदार लोगो के पास इसका कोई जबाब नही है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के अनुसार उन संक्रमित होने कि संभावना वाले लोगो को सैम्पल लेने के बाद संक्रमण फैलाने के लिये क्यो छोड़ ड दिया गया।
एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे संक्रमक वाहक लोग जिन जिन के संपर्क मे आये होगें उनको प्रभावित किये जाने कि संभावनाये बलवती है. इस अक्षम्य लापरवाही ने मंदसौर को संकट की ओर धकेलने का काम किया है। अब आवश्यकता है, कि युध्द स्तर पर इनके संपर्क मे आने वाले लोगो का पता लगाकर उन्हे कोरोंटाइन किया जाये तथा उनके सेम्पल लेकर जांच कराइ जाए। साथ ही गैर जिम्मेदार लोगो के विरुध्द आवश्यक कार्यवाही हो ताकि ऐसी घटना कि पुनर्वावृति ना हो।अगर ऐसा हुआ तो नागरिको का विश्वास प्रशासन से उठ जायेगा जो हमे हर हाल में कायम रखना है।
इस घटना क्रम में एक अजीब ,नाटकीय और गैरजिमेदाराना बात और सामने आती है कि देर रात जिला प्रशासन को जांचकर्ता लेब व्दारा यह सुचित किया जाता है कि जो पुर्व मे 6 लोगो को पोजिटिव होना पाया गया है उनमें से 2 व्यक्तियो कि रिपोर्ट नेगेटिव है।ऐसे संकट के समय लेब का यह व्यबहार किसी आपराधिक कृत्य से कम नही माना जाना चाहिये ।साथ ही जो रिपोर्ट 13 तारीख को बन चुकि थी वह 15 तारीख 4 बजे जिला प्रशासन के पास विलंब से क्यो प्राप्त हुई इसकि जिम्मेदारी भी तय कि जाना चाहिये. मेरा मत है कि जिला प्रशासन को स्वयं इस अपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुध्द एफआईआर दर्ज कराना चाहिये अथवा संबंधित लोगो जिनकि रिपोर्ट गलत दी गई है उन्हे लैब के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिये आगे आना चाहिये।
मै मंदसौर जिले के उन सभी नागरिको से भी आग्रह करता हु कि जो लोग भी इन संक्रमित लोगो के संपर्क मे आये है वे स्वयं आगे आकर अपनी जांच करावे ताकि अगर कभी उन पर गलती से भी संक्रमण का प्रभाव आया हो तो इलाज हो सके वे सावधानी के लिये अपने अपको 15 दिन एकांतवास में रखे उनका यह सहयोग मंदसौर को तथा अपने आप को कारोना से बचाने में सहायक होगा।
किंतु इसके बावजुद इस घटना से भयभीत नही होना है अधिक सावधान ओर सतर्क रहने कि आवश्यकता है.कोरोना को सावधानी से ही हराया जा सकता है ।घर मे रहिये सुरक्षित रहिये ।शासन के निर्देशो का पालन किजिये।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: हद हो गई लापरवाही की....?
5 दिन तक कोरोना साथ में लेकर घूमता रहा युवक
मंदसौर को इंदौर बनाने जैसे निर्णय पड़ सकते हैं भारी
गौरव जोशी
मंदसौर। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कोरोना जैसी महामारी के समय सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। प्रशासन के कई निर्णयों का विरोध जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी जारी रही। हद तो तब हो गई जब सैंपल लेने के बाद युवक को खुला छोड़ दिया गया। 6 दिन तक युवक गुम तारा और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी लापरवाह कोरोना से निपटने वाली प्रशासन की टीम है।
शहर के बीचों बीच और जिला अस्पताल के पास स्थित निजी नर्सिंग होम में कोराना पाजीटिव मरीजों को रखने और किराना दुकानों को खोलने की छूट देने जैसे निर्णयों की भी जमकर आलोचना हो रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन के बीच बिगडे तालमेल को सुधारने की बजाय अधिकारी आल इज वेल कहकर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे। परिणाम हम सबके सामने हैं ।अभी तक कोराना से सुरक्षित शहर में चार करोना पाजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। प्रशासन के निर्णय और अधिकारियों की कार्यप्रणाली मन्दसौर को इंदौर की राह पर ले जाने जैसी रही। विधायक और सांसद जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की राय को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी की। सबसे बड़ी लापरवाही का उदाहरण 10 अप्रैल को देखने को मिला। जनकुपुरा स्थित महाजन मोहल्ले में एक युवक में कोरोना के लक्षण देखे गए। तुरंत स्वास्थ विभाग की टीम ने पहुंचकर सेम्पल लिए। नियमानुसार युवक को क्वारटाईन किया जाना था लेकिन युवक को कोरोना फैलाने के लिए खुला छोड़ दिया गया। 15 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई जिसमें युवक कोरोना पाज़िटिव निकला। इस घटना से बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?
किस किसको ढूंढोगे साहेब...
जनकुपुरा का यह युवक घर में बैठकर ताश पत्ती नहीं खेल रहा था। बल्कि प्रशासन द्वारा दी गई किराना दुकान खोलने की छूट के दौरान एक होलसेल व्यापारी के यहां काम कर रहा था। एक व्यापारी के यहां से कई रिटेल दुकानों समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सामान ले जाया गया। अब यह सामान किन-किन घरों में गया और कौन इसे ले गया यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
भीलवाड़ा नहीं भीड़वाला मॉडल
कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी प्रशासन की कार्यशैली में गंभीरता देखने को नहीं मिली। कोरोना से लड़नेबके लिये भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भी खूब है, लेकिन धरातल पर भीलवाड़ा जैसी सख्ती, मुस्तैदी, मॉनिटरिंग नदारद नजर आती है। दिखता है तो सिर्फ भीड़वाला मॉडल।किराना दुकानों को तीन घंटों की छूट देने की जल्दबाजी हो या थोक और फुटकर किराना व्यापार की अलग अलग अवधि में शिथिलता, प्रशासन के निर्णयों को बुद्धिजीवी वर्ग ने पसंद नहीं किया। घर पर किराना व अन्य उपयोगी सामग्री पहुचाने की शुरुआती पहल को खूब समर्थन मिला था। लेकिन जैसे जैसे कोरोना की संवेदनशीलता बढ़ती गई, सड़कों पर भीड़ चिंता बढ़ाती रही। परिणाम हम सबके सामने हैं।
[4/16, 8:06 PM] Gourav Joshi: डाॅ. आशीष खिमेसरा सहित डाॅ. जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव
पाजीटिव में से दो की भी नेगेटिव रिपोर्ट आई
मंदसौर । बुधवार को पांच पाॅजीटिव रिपोर्ट में से दो की देर रात दो संक्रमितों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। ऐसे में प्रशासन ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।ऐसे में अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4 ही रह गई। इसमें से भी एक बुर्जुग महिला की मौत तीन दिन पूर्व हो चुकी है। हालंाकि परेशानियां अभी समाप्त नहीं हुई। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है।
बुधवार दोपहर में जारी हुई 13 अप्रेल की रिपोर्ट में जिले के पांच नए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पाजीटिव आई। शहर के रेवास देवड़ा रोड़ स्थित आश्रय गृह में 38 वर्षीय महिला, महाजन मोहल्ले में 37 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं मल्हारगढ़ तहसील के पंथ पिपलिया में 22 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पाजीटिव आई। इसी के साथ ही भानपुरा तहसील के भैसादामंडी के मेद्यावत गली में 67 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजीटिव आई। वहीं पंथ पिपलियामंडी की 77 वर्षीय बुर्जुग महिला की मौत चार दिन पूर्व ही हो चुकी थी। इसका 22 वर्षीय पोता भी कोरोना पाॅजीटिव आया। वहीं गौल चैराहा क्षेत्र की पूर्व में पाजीटिव युवती की दूसरी रिपोर्ट भी पाॅजीटिव आई। टर्निंग पाईंट तब आया जब देर रात पंथ पिपलिया का 22 वर्षीय युवक व भैसोदामंडी के व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। वहीं मंदसौर का युवक जो पाॅजीटिव आया है वह मसाला उद्योग पर कार्य करता था। साथ ही वह लाॅकडाउन में खाना बाटने का कार्य भी कर रहा था। ऐसे में कई लोग उसके संपर्क मंे आए है जिन्है प्रशासन चिन्हित कर रहा है।
डाॅ. आशीष और डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट आई नेगेटिव हीं खिलचीपुरा स्थित कोरोना संक्रमित 40 वर्षीय महिला का उपचार करने वाले डाॅ. आशीष खिमेसरा, डाॅ. सुरेश जैन की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। वहीं पति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। इसी के साथजिन स्थानों पर पाॅजीटिव केस पाए गए उन्है कंटेन्टमेंट झोन घोषित कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जनकुपूरा क्षेत्र सहित धानमंडी, बसेर चैक,बड़ा चैक, रेवास देवड़ा रोड़ स्थित 500 क्वार्टर क्षेत्र को कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया है। पंथ पिपलिया और भैसादामंडी क्षेत्र को भी कंटेन्टमेंट एरिया घोषित किया। यहां आगामी आदेश तक कोई भी व्यक्ति घरों से नहीं निकल सकता और ना ही क्षेत्र में कोई परिवहन होगा। इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा पूरे शहर में सेनेटायजर का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं शहर के लोगो की जांच भी की जा रही है।
बाहर घूमने वालों को डाला अस्थाई कारागृह में
कोरोना संक्रमित की संख्या बड़ने पर प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू लगाया गया है। वहीं नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। लेकिन कई समाज के ऐसे दुश्मन है जो अभी भी नहीं मान रहे। ऐसे में उनको पीजी काॅलेज में बनाई अस्थाई जेल में डाल दिया गया है। पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रो में बाहर घूमने वाले पांच आरोपियों को जेल में डाला। जिसमें नयापुरा से सोहेब मेवाती, सियार मेवाती, अकीला मेवाती, धामंडी से सुनील अग्रवाल और रामटेकरी से रितेश सोमानी को अस्थाई जेल में डाला।