स्कूलों ने रोका स्टॉफ का वेतन
कुछ ने दी भुगतान काटकर तनख्वाह
मंदसौर। लॉकडाउन में बंदी के बाद कुछ स्कूलों ने शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। जबकि शुल्क की वसूली नहीं होने का हवाला देते हुए कुछ विद्यालयों ने स्टॉफ को मार्च का वेतन 30 से 50 फीसद काटकर भुगतान किया है। इसे लेकर शिक्षकों व कर्मचारियों में रोष है।
सरकार की ओर से लॉकडाउन की अवधि में निजी स्कूलों को फीस नहीं लेने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार के इस निर्देश के बाद अब निजी स्कूलों ने स्टाफ का वेतन रोकने या इसमें कटौती की तैयारी शुरू कर दी है। वेतन काटने-रोकने की ज्यादातर शिकायत लगातार आ रही है। इनके शिक्षकों व कर्मचारियों का कहना है कि तनख्वाह से ही परिवार का भरण-पोषण करना होता है। ऐसे में बचत के नाम पर एक भी पैसा नहीं हैं। अध्यापक होने के कारण हम लोगों को कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिलती और न मिलने की उम्मीद है। ऐसे में यदि वेतन रोक या काट कर भुगतान किया जाता है तो दो वक्त की रोटी जुटाना भारी पड़ेगा। नाम उजागर होने पर उन्हें नौकरी जाने का भी भय सता रहा है।
मोबाइल टॉवर पर चढ़े युवक ने सवा घंटे तक किया ड्रामा
टॉवर को पहुंचाया नुकसान, पुलिस ले गई थाने
मंदसौर। बोलिया में एक युवक मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। करीब सवा घंटे तक ड्रामा चलता रहा। काफी समझाईश के बाद युवक नीचे उतरा। उसके बाद उसे थाने ले जाया गया। युवक मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार आज विनोद पिता राजाराम निवासी बोलिया आईडिया के मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। इसके बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर लॉक डाउन में ड्यूटी कर रहे टीआई नरेंद्र यादव और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। चौकी प्रभारी और पुलिस वालों ने उससे मोबाइल पर बात की और समझाईश दी। करीब एक घंटे तक युवक को समझाईश देते रहें। इसके बाद नीचे उतरा। युवक के हाथ में एक नुुकिला तार भी था। युवक ने टॉवर से तडिक़ चालक निकाल लिया। गरोठ पुलिस युवक को थाने ले गई है। बताया जाता है कि युवक पर पहले भी अपराधिक प्रकरण दर्ज है।
सात फीट लंबा मगरमच्छ पकड़ा
मंदसौर। मल्हारगढ के ग्राम पहेडा से वन विभाग की टीम ने सात फीट लंबा मगरमच्छ पकड़ा।जिसे चंबल नदी में छोड़ा गया। रात में वन विभाग की टीम को जानकारी मिली। इसके बाद एक बजे टीम मौके पर पहुंचे। रेस्क्यू शुरु किया गया। ग्रामीणों की मदद से मशक्कत के बाद मगरमच्छ को एक नाले में से पकड़ा गया। इसके बाद सुबह संजीत स्थित चंबल नदी में छोड़ा गया।
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कोटा से मंदसौर पहुंचे विद्यार्थी
59 विद्यार्थी एक माह से फंसे हुए थे कोटा में
मंदसौर। मंदसौर। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी राजस्थान के कोटा से फंसे छात्रों को वापस बुला लिया। एसआई लाखनसिंह के नेतृत्व में गुरूवार को मंदसौर जिले के करीब 59 छात्रों को प्रशासन बसों के माध्यम से लेकर मंदसौर कृषि उपज मंडी पहुंची जहां उनकी स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद बच्चों को होटल रितुवन और भगत पैलेस में ठहराया गया। कोटा एजुकेशन का हब होने के कारण जिले के कई छात्र हर साल वहां अध्ययन करने जाते है। वहीं अधिकांश छात्र मेडिकल की प?ाई कर रहे है। जिले के वर्तमान में 20 छात्राएं और 39 छात्र वहां अध्यनरत थे। जिन्है तीन बसों के माध्यम से मंदसौर लाया गया। ऐसे में परिजनों के साथ ही छात्रों में भी खुशी है। उन्होने मध्यप्रदेश सरकार व प्रशासन के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होने यह भी बताया कि प्रशासन द्वारा सभी सुविधाएं दी गई। छात्रों का कहना था कि लॉकडाउन के बाद एक-एक दिन बहुत मुश्किल से गुजरा। पहले उम्मीद थी कि 21 दिन बाद घर जा सकेंगे, लेकिन लॉकडाउन 3 मई तक ब? गया। हम वहां मानसिक रूप से ज्यादा परेशान हो रहे थे। हॉस्टल में रहने के बाद भी पढाई में मन नहीं लग रहा था। बस यही सोचते थे कि कैसे अपने घर पहुंचे।
कोटा में मेडिकल की तैयारी कर रहीं छात्रा काजल व्यास ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को धन्यवाद दूंगी कि उन्होंने बच्चों को अपने घर पहुंचाया। सबसे ज्यादा हमारे परिजन परेशान हो रहे थे। वहीं एक महीने सेे बहुत परेशान हो रही थी। वहां रहने के बाद भी प?ाई नहीं हो रही थी। बस यही सोचती थी कि कैसे घर पहुंचेंगे।
लॉकडाउन के दौरान कोटा में फंसी सुवासरा निवासी संस्कृति व्यास ने बताया कि प्रदेश सरकार को धन्यवाद करना चाहूंगा कि वहां से हमें निकाला गया। बहुत ही अच्छे से हमें घर लेकर आए। मैं सभी से यही कहना चाहती हूं कि यह बहुत ही कठिन समय है। इसमें सभी नियमों का पालन करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। हमने कोटा में इन कठिन परिस्थितियों में रहते हुए भी नियमों का पालन किया।
भानपुरा निवासी मनीष पाटीदार ने बताया कि कोटा में लॉकडाउन के बाद से फंसे थे। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कैसे अपने घर पहुंचे। उत्तर प्रदेश सरकार जब अपने बच्चों को लेकर गई तो हमें लगा कि हो सकता है हमारी सरकार भी कोई कदम उठाए। आखिर में उन्होंने हमें वहां से निकाल लिया। हम प्रदेश सरकार की वजह से अपने घर अच्छे से पहुंच गए हैं।
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खेत में लगी आग
मंदसौर। जग्गाखेड़ी स्थित सरस्वती स्कूल के पिछे एक खेत में आग लग गई। इसके बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। एक घंटे में आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया।
ट्रक पलटा
मंदसौर। आज महू नीमच राजमार्ग पर वृंदावन ढाबे के आगे एक ट्रक टॉयर फटने के बाद अनियंत्रित होकर पलट गया। इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची। घायल चालक और देा लोगों को घटना में मामूली चोटें आई। टोल एंबुलेंस स्टॉफ ने उनका प्राथमिक उपचार किय
एक लाख का गुटख सिगरेट जब्त
प्रतिबंध के बावजूद तीन गुना दामों में बिक रहा नशा
मंदसौर। प्रतिबंध के बावजूद शहर में गुटखा, तंबाकू, सिगरेट और खैनी जैसे प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान भी इस नशे के प्रोडक्ट की बिक्री में कोई कमी नही आई है उल्टा प्रतिबंध के नियम का फायदा उठाते हुए दुगुने दाम में गुटखे और सिगरेट को बेच कर मुनाफा कमाया जा रहा है। बाजार दस रुपए के विमल के २० से २३ रुपए तक वसूले जा रहे हैं। इसी तरह से बीडी सिगरेट पर भी पांच से दस रुपए ज्यादा लेकर नशा बेचा जा रहा है। ग्राहक भी दुकानदारों की इस मनमानी को मानने को तैयार है क्योंकि नशे का शौक भी पूरा करना है। भानपुरा पुलिस ने भैसोदामंडी में कार्रवाई की। छोटी सी जगह पर एक पेटी के गुटखे सिगरेट के पैकेट जब्त किए गए। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर और तहसील स्तर पर किस कदर लॉक डाउन में नशा बेचकर हरीपत्ती छापी जा रही होगी। गुटखे सिगरेट पर प्रतिबंध लगने के बाद भी दुगुनी कीमत में मार्केट में मिल रहे हैं। आज भानपुरा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक पेटी के गुटखे सिगरेट के पैकेट जब्त किए। मिली जानकारी के अनुसार भैसोदामंडी में व्यवसायी टीकमचंद के यहां सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची। यहां पर तलाशी के दौरान बीस बोरों में सिगरेट के पैकेट और गुटखे मिले। स्थिति यह है कि बाजार में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले गुटखे और तंबाकू की भी प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम बिक्री हो रही है। कई फेमस कंपनी के गुटखों को दो से तीन गुना अधिक कीमत में बेचा रहा है। कुछ दुकानदार केवल अपने आसपास या जान पहचान वाले रेगयूलर कस्टमर को ही गुटखा बेच रहे हैं वो भी महंगे दाम
बाइक पर पर्चे चिपकाकर घूमने वालों पर शुरु हुई कार्रवाई
मंदसौर। कोरोना से बचाने के लिए सरकार हो या प्रशासन या हो पुलिस सब के सब नए-नए जतन कर रहे हैं , खुद की जान खतरे में डालकर लोगों की जान कैसे बचें ये सोच रहे हैं , पर कुछ लोग हैं जो अब भी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। लॉक डाउन में तफरी करने के चक्कर में नए-नए तरीके लगा रहे हैं।
बीपीएल चौराहे पर सीएसपी नरेंद्र सिंह सोलंकी टीम ने ऐसे ही बेवजह तफरी करने वाले की अच्छी खिदमत की , कोई मेडिकल स्टोर के नाम के तो कोई खाद्य सामग्री सप्लाई के नाम के फर्जी पर्चे गाडय़िों के सामने चिपका कर घूमने वाले लोगों से कडी पूछताछ हुई , डंडे के आगे इनका ना तो मेडिकल से कोई संबंध निकला और ना ही खाद्य वितरण समिति से , बस तफरी करना इनका मकसद है , ऐसे लोगों की गाडय़िों पर लगे पर्चों को पुलिस द्वारा फाडक़र उनकी गाडय़िां जप्त की गई है। लॉक डाउन का पालन करवाने के लिए जिला कलेक्टर मनोज पुष्प एवं पुलिस कप्तान हितेश चौधरी टीम ने लोगों की तगड़ी व्यवस्था कर रखी है। जिले की शामगढ़ , गरोठ , सुवासरा पुलिस को ऐसे लोगों को ध्यान में लाकर ऐसी ही खिदमत इंतजाम अनावश्यक रूप से भटकने वालों और लॉक डाउन का मखौल उड़ाने वाला पर नकेल कसने के साथ ही कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की जा रही है।